Monday, April 27, 2009

शख्स मुझको ज़ख्म -ऐ -जुदाई दे गया

शख्स मुझको ज़ख्म -ऐ -जुदाई दे गया ।
जब दे ना सका प्यार तो रुसवाई दे गया ।
जाते हुवे अपनी निशानी को तोड़ गया
और प्यार से मुझे तनहा छोड़ गया ।

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