दिल में बसी थी तस्वीर मिटा देना ।
आंखों में बसाया तुम नजरों से गिरा देना ।
तुम को तो वफ़ा मेरी कुछ रास ना आई ।
जाता हूँ तेरे दर से मुझको ना सदा देना ।
जब तुम से कोई पूछे बातें मेरी वफाओं की ।
तुम मेरी वफाओं पर इल्जाम लगा देना ।
फ़िर उसकी तमन्ना क्या जो गैर का हो जाए ।
बस इतनी गुजारिश है तुम मुझको भुला देना ।
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